Category: साहित्य
साहित्य – संगीत – कलाविहीनः, साक्षातपशु पुच्छविषानहीनः. मतलब ये कि जिस इंसान को साहित्य, संगीत और कला में दिलचस्पी नहीं है वो बिना पूँछ के पशु सामान है. और हमें बखूबी पता है कि आप ऐसे नहीं है. आपको तो दिलचस्पी है ही. तो यहाँ पर आपको कहानी, कविता, व्ययंग, प्रहसन और बहुत सारे ऐसे चीज मिलेंगे जिनसे आपकी साहित्यिक दिलचस्पी को पूरा किया जा सकेगा (बी पॉजिटिव).
कहानी – नैना जोगिन
अटना का साहब और पटना की मेम, रात खाए मुरगी और सुबह करे नेम, तेरा झुमका और नथिया और साबुन महकौवा - तू पान में जरदा खाए नखलौवा...! पूरा पढ़ें...
व्ययंग – दो नाक वाले लोग
नाक उनकी काफी लंबी थी। मेरा ख्याल है, नाक की हिफाजत सबसे ज्यादा इसी देश में होती है। और या तो नाक बहुत नर्म होती है या छुरा बहुत तेज, जिससे छोटी-सी बात से भी नाक कट जाती है। पूरा पढ़ें...
कहानी – शराब की दुकान
पाँच-छह खद्दरदारी मनुष्यों को देख कर सभी लोग उनकी ओर शंका और कुतूहल से ताकने लगे। दूकानदार ने चुपके से अपने एक नौकर के कान में कुछ कहा और नौकर दूकान से उतर कर चला गया। . . . पूरा पढ़ें...
श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविताएँ
25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर में जन्में श्री अटल बिहारी वाजपेयी सिर्फ एक राजनीतिज्ञ ही नहीं बल्कि एक प्रखर कवी भी थे. आज 16 अगस्त 2018 को 93 वर्ष की आयु में वो दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांस लिए. पूरा पढ़ें...
कहानी – भिखारिन
अन्धी ने अपनी झोंपड़ी में एक हांडी गाड़ रखी थी। संध्या-समय जो कुछ मांगकर लाती उसमें डाल देती और उसे किसी वस्तु से ढांप देती। इसलिए कि दूसरे व्यक्तियों की दृष्टि उस पर न पड़े। खाने के लिए अन्न काफी मिल जाता था। उससे काम चलाती। पूरा पढ़ें...
कविता – कदम्ब का पेड़
सुभद्रा कुमारी चौहान (16 अगस्त 1904 - 15 फरवरी 1948) हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका थीं। उनके दो कविता संग्रह तथा तीन कथा संग्रह प्रकाशित हुए पर उनकी प्रसिद्धि झाँसी की रानी कविता के कारण है। पूरा पढ़ें...
कहानी – दो बैलों की कथा
जानवरों में गधा सबसे ज्यादा बुद्धिमान समझा जाता है। हम जब किसी आदमी को पहले दर्जे का बेवकूफ कहना चाहते हैं, तो उसे गधा कहते हैं। गधा सचमुच बेवकूफ है या उसके सीधेपन, उसकी निरापद सहिष्णुता ने उसे यह पदवी दे दी है, इसका निश्चय नहीं किया जा सकता। पूरा पढ़ें...
कहानी – बड़े घर की बेटी
जिस तरह सूखी लकड़ी जल्दी से जल उठती है-उसी तरह क्षुधा से बावला मनुष्य जरा-जरा सी बात पर तिनक जाता है। लालबिहारी को भावज की यह ढिठाई बहुत बुरी मालूम हुई, तिनक कर बोला-मैके में तो चाहे घी की नदी बहती हो पूरा पढ़ें...
कहानी: एक चिनगारी घर को जला देती है
लियो टॉलस्टॉय एक रुसी लेखक थे. या फिर यूँ कहे कि अब तक के सबसे महान साहित्यकारों में से एक थे. उन्होंने अनेक कृतियों की रचना की. उनके लिखे कहानी को संसार के लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है. टॉलस्टॉय के कहानी "एक चिनगारी घर को जला देती है" को हिंदी में अनुवाद किये है हिंदी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद. पूरा पढ़ें...
कहानी – डिमॉन्सट्रेशन
मेज पर ड्रामे की हस्तलिपि पड़ी हुई थी। ड्रामेटिस्ट ने उसे उठा लिया। गुरुप्रसाद ने दीन नेत्रों से विनोद की ओर देखा, विनोद ने अमर की ओर, अमर ने रसिक की ओर, पर शब्द किसी के मुँह से न निकला। सेठजी ने मानो, सभी के मुँह-सी दिये हों। ड्रामेटिस्ट साहब किताब लेकर चल दिये। पूरा पढ़ें...