Category: साहित्य
साहित्य – संगीत – कलाविहीनः, साक्षातपशु पुच्छविषानहीनः. मतलब ये कि जिस इंसान को साहित्य, संगीत और कला में दिलचस्पी नहीं है वो बिना पूँछ के पशु सामान है. और हमें बखूबी पता है कि आप ऐसे नहीं है. आपको तो दिलचस्पी है ही. तो यहाँ पर आपको कहानी, कविता, व्ययंग, प्रहसन और बहुत सारे ऐसे चीज मिलेंगे जिनसे आपकी साहित्यिक दिलचस्पी को पूरा किया जा सकेगा (बी पॉजिटिव).
सबसे तेज कौन दौडता है ? – अकबर बीरबल की कहानी
अकबर ने दरबार में सवाल उठाया, “सबसे तेज कौन चलता है ?” किसी ने चाँद तो किसी ने सुरज को सबसे तेज चलने वाला बताया। फिर बीरबल से पूछा गया, “महाराज ! महाजन का सूद सबसे तेज दौडता है पूरा पढ़ें...
अंधकार – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार यमुना किनारे टहलते हुए अकबर ने बीरबल से पूछा, बताओ बीरबल, वह क्या चीज है जिसे हम देखते हैं पर चाँद की नजर उस पर नहीं पड़ती?” बीरबल: वह चीज है “अंधकार” बीरबल का जवाब सुनकर अकबर संतुष्ट हुए। पूरा पढ़ें...
बेगम साहिबा – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे. अकबर बोले, “बीरबल ! तुम्हारी बीवी बहुत सुंदर है” बीरबल : जहाँपनाह, पहले मैं भी ऐसा ही सोचता था पर जबसे बेगम साहिबा को देखा है मैं अपनी पत्नी को ही भूल गया पूरा पढ़ें...
छोटी लाईन बड़ी लाईन – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार अकबर बीरबल हँसी मजाक कर रहे थे। तभी अकबर ने तलवार से धरती पर एक लाईन खींच दी और उसे बिना मिटाये छोटी करने को कहा । बीरबल ने उसी लाईन के सामने एक बडी लाईन खींच दी। पूरा पढ़ें...
मोम का शेर – अकबर बीरबल की कहानी
एक बार ईरान के राजा ने पिंजरे में एक शेर भेजा और कहा कि अगर इसे कोई बिना पिंजरा खोले बाहर निकाल देगा तो मान जायेगा की आपके दरबार मेंनवरत्नों की होड संसार में नहीं हो सकती। पूरा पढ़ें...
जाह्नवी – जैनेन्द्र कुमार की कहानी
आज तीसरा रोज़ है। तीसरा नहीं, चौथा रोज़ है। वह इतवार की छुट्टी का दिन था। सबेरे उठा और कमरे से बाहर की ओर झांका तो देखता हूं, मुहल्ले के एक मकान की छत पर कांओं-कांओं करते हुए कौओं से घिरी हुई एक लड़की खड़ी है। पूरा पढ़ें...
तत्सत् – जैनेन्द्र कुमार की कहानी
एक गहन वन में दो शिकारी पहुँचे। वे पुराने शिकारी थे। शिकार की टोह में दूर-दूर घूम रहे थे, लेकिन ऐसा घना जंगल उन्हें नहीं मिला था। देखते ही जी में दहशत होती थी। वहाँ एक बड़े पेड़ की छाँह में उन्होंने वास किया और आपस में बातें करने लगे। पूरा पढ़ें...
शिकार को निकला शेर – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी
एक शेर एक रोज जंगल में शिकार के लिए निकला। उसके साथ एक गधा और कुछ दूसरे जानवर थे। सब-के-सब यह मत ठहरा कि शिकार का बराबर हिस्सा लिया जाएगा। पूरा पढ़ें...
सौदागर और कप्तान – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी
एक सौदागर समुद्री यात्रा कर रहा था, एक रोज उसने जहाज के कप्तान से पूछा, ''कैसी मौत से तुम्हारे बाप मरे?"कप्तान ने कहा, ''जनाब, मेरे पिता, मेरे दादा और मेरे परदादा समंदर में डूब मरे।'' पूरा पढ़ें...
महावीर और गाड़ीवान – सूर्यकांत त्रिपाठी निराला की कहानी
एक गाड़ीवान अपनी भरी गाड़ी लिए जा रहा था। गली में कीचड़ था। गाड़ी के पहिए एक खंदक में धँस गए। बैल पूरी ताकत लगाकर भी पहियों को निकाल न सके। पूरा पढ़ें...