Rajpal Yadav

व्ययंग: कहीं आप भी मुर्ख तो नहीं. . . !!

Rajpal Yadav

आज मुर्ख दिवस कि शुभ बेला पर आईए आपलोगों को ये बताएँ की कहीं आप भी मुर्ख तो नहीं. . .!!

दिनभर मैंने खूब सोचा की ये जो मुर्ख होते हैं ये कौन होते हैं, ये कहाँ से आते है और ये रहते कहाँ हैं. तो काफी कुछ पडताल के बाद मुझे सबकुछ तो नहीं पर बहुत कुछ हासिल हुआ. और जो भी कुछ हासिल हुआ उसका सार हम आपके बीच में पडोसने जा रहे है. यकीन मानिए, आपका पाचन क्रिया खडाब नहीं होगा एवं आपकी तन्दुरुस्ती भी बनी रहेगी.

1. चलती ट्रेन में डाटा बैंक खरीदने वाले

selling in trains

यह मुर्खों की एक ऐसी प्रजाती है जो आपको सबसे आसानी से मिल जाएँगे. बेचने वाले को भी ये मालूमात है की ये शस्त्र उसे युद्ध नहीं जीता सकती मगर कुछ गाने सुनने के लिए लोग ऐसे अनावश्यक कदम उठा लेते है.ऐसे कदमों के दूरगामी तो क्या नजदीकी परिणाम भी चन्द मिनटों में ही देखने को मिल जाते है.

2. बसों की सबसे पिछली सीट पर बैठकर जोर-जोर से भोजपुरी गीत बजाने वाले

surrounded by assholes

जिस दिन मुर्खों को श्रेणीबद्ध किया जाएगा उस कयामत वाले दिन इनको सबसे ऊपर रखा जाएगा. मुर्खिस्तान नामक एक अर्धस्वतन्त्र देश का निर्माण कराया जाएगा और उसे वहाँ का नरेश चुना जाएगा. इतना सब कुछ ब्लैक एन्ड व्हाईट तरीके से नहीं बल्कि पुरे साज - बाज से होगा और बैकग्राऊँड में अश्लील भोजपुरी के सिवा कोई और गीत बजाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

3. मोस्ट अवेटेड फिल्मों का क्लाईमैक्स बताने वाले

bahubali pic

उन्हें लगता है कि वो बहुत बडा तीर मार लिया है. लेकिन असल मायने में जिसने महिनों उस फिल्म का इन्तजार किया उसके लिए यह किसी बुरे सपने से कम नहीं होता. कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा ये बताने वाले लोगों को अभी भी समय है, आजीवन कारावास दे दी जानी चाहिए.

4. सोशल मिडिया पर अप्रैल फूल को अंग्रेजों की चाल बताने वाले

Pretend I am nicer

इन्हें लगता है की हम वो कुछ भी काम नहीं करेंगे जो अंग्रेज किया करते थे. जहाँ तक मुझे लगता है, अंग्रेज टट्टी तो जरूर करते होंगे. य़े भटसप और फेसबूक पर ये लिखते हुए पाए जाते हैं की पहली अप्रैल को हिन्दुस्तान के लोग नया साल मनाते थे. इसिलिए अंग्रेजों ने हम भारतवासी को कहा की तुम मुर्ख हो जो इस दिन अपना नया साल मनाते हो. हमारा नया साल तो पहली जनवरी को आता है. लेकिन अब इन्हें कौन बताए कि मुर्ख दिवस वहाँ भी इसी तारिख को मनाया जाता है जहाँ पर अंग्रेजों ने राज नहीं किया. मुझे लगता है कि अपनी अगली मन की बात प्रोग्राम में पीएम मोदीजी को इस बात को भी शमिल करना चाहिए.

5. अच्छे दिन का इन्तजार करने वाले

ache din

ये वाले कि उंगली घिस गयी दिन गिनने में कि कब आएँगे अच्छे दिन. लेकिन अब इन्हें आसान भाषा में कौन समझाए कि अच्छे दिन गिनने से नहीं, मेहनत करने से आती है.

6. शादीशुदा मर्द

shaaishuda mard

ये भाई साहब का मुर्ख बनने का कोटा पुरा हो गया है. अब दुनिया कि कोई भी ताकत इन्हें मुर्ख नहीं बना सकती.

अब आप देख लिजिए कि आप इन में से कौन से वाले है. अगर इन में से कोई भी नहीं है तो आपको मेरा दँडवत प्रणाम है.

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