फिल्म बाजार का ट्रेलर आया है, रिलीज डेट ने इंतज़ार बढ़ा दी
वैसे तो सैफ अली खान का चेहरा बड़े परदे से कभी गायब नहीं हुआ लेकिन लेकिन जो उनकी आखिरी बड़ी हिट थी वो थी साल 2013 में आयी फिल्म रेस-2. अब तक़रीबन पांच साल बाद सैफ अली खान की फिल्म आ रही है बाज़ार, जिसके सुपरहिट होने के कयास लगाए जा रहे हैं. और इसके पीछे वजह है फिल्म का स्टोरी बैउकग्रॉउंड और स्टारकास्ट.
फिल्म में सैफ अली खान शकुन कोठारी नाम के एक गुजरती बिजनेसमैन का किरदार निभा रहे हैं जो मुंबई के शेयर बाज़ार का एक बड़ा नाम है. इस फिल्म में वो हीरो बने है या विलेन ये तो रिलीज के बाद ही पता चलेगा लेकिन एक बात तो तय है कि शकुन कोठरी का किरदार बहुत पावरफुल है.
यह एक कारपोरेट थ्रिलर / फाइनेंसियल सस्पेंस थ्रिलर फिल्म है. इस तरह की फिल्में इंडिया में अब तक बहुत कम ही बनी है. वैसे तो साल 2006 में आयी मधुर भंडारकर की फिल्म कारपोरेट भी खासी सफल रही थी लेकिन वो फाइनेंसियल सस्पेंस थ्रिलर फिल्म नहीं थी. उसमें कॉरपोरेट जगत के अंदर की सच्चाई को दिखाया गया था, जहाँ इमोशंस की कोई जगह नहीं है.
फिल्म में एक और किरदार है रिज़वान अहमद का, जो इलाहबाद यूनिवर्सिटी से पढ़ कर आया है और शकुन कोठारी को अपना भगवन मानता है. उसका सपना है शेयर बाज़ार के रास्ते बड़ा आदमी बनने का. रिज़वान अहमद के किरदार को रोहन मेहरा कर रहे हैं. यह रोहन की पहली फिल्म है. रोहन गुजरे ज़माने के एक्टर विनोद मेहरा के बेटे हैं.
फिल्म में दो फीमेल कैरेक्टर भी है - चित्रांगदा सिंह और राधिका आप्टे. चित्रांगदा सैफ के अपोजिट है और राधिका रोहन के.
फिल्म के प्रोडक्शन से निखिल आडवाणी भी जुड़े हुए हैं. निखिल और सैफ इससे पहले फिल्म कल हो ना हो में दिखे थे. उस फिल्म को निखिल ने डायरेक्ट किया था. एकता कपूर के प्रोडक्शन टीम का भी पहले इस प्रोजेक्ट से जुड़ने की चर्चा थी, लेकिन वो बाद में हट गयी.
बाज़ार को डायरेक्ट किया है गौरव के. चावला ने. ये उनकी पहली फिल्म है. इससे पहले वो ‘कुछ ना कहो’, ‘झूम बराबर झूम’, ‘चांदनी चौक टु चाइना’ और ‘पटियाला हाऊस’ जैसी फिल्मों में असिस्ट कर चुके हैं. उनका लेटेस्ट प्रोजेक्ट था निखिल आडवाणी की टीवी सीरीज ‘पी.ओ.वी. बंदी युद्ध के’.
फिल्म के डायलॉग्स ज़बरदस्त और जल्दी जुबान पर चढ़ने वाले हैं. कुछ हम यहाँ लिख दे रहे हैं:
1. यहाँ पैसा भगवन नहीं, लेकिन भगवन से कम भी नहीं है.
2. मैराथन में जीतने वाले को कोई याद नहीं रखता, सौ मीटर का रेस सबको याद रह जाता है.
3. बड़ा आदमी बनने के लिए लिमिट क्रॉस करनी पड़ती है.
4. मेरा सिर्फ दो ही रूल है, पहला - मेरा पैसा कभी खोना नहीं और दूसरा - पहला रूल कभी भूलना नहीं.
5. इस देश को कुछ ही लोग चला रहे हैं, जैसे टाटा, बिड़ला, रुईया, अम्बानी, वाडिया. और उसमें अब एक नाम और जुड़ेगा - कोठारी.
फिल्म पहले दिसंबर 2017 में ही आनी थी लेकिन फिर तारीख आगे बढ़ गयी और अब ये फिल्म 26 अक्टूबर 2018 को सिनेमाघरों में लग रही है. ट्रेलर के जैसा ही अगर फिल्म भी हुआ तो पक्का बहुत मज़ा आने वाला है. आप ट्रेलर यहाँ देख लें . . .