तेंतर – प्रेमचंद की कहानी

आखिर वही हुआ जिसकी आंशका थी; जिसकी चिंता में घर के सभी लोग और विषेशत: प्रसूता पड़ी हुई थी। तीनो पुत्रो के पश्चात् कन्या का जन्म हुआ। पूरा पढ़ें...

तेंतर – प्रेमचंद की कहानी

ठाकुर का कुआँ – प्रेमचंद की कहानी

जोखू ने लोटा मुंह से लगाया तो पानी में सख्त बदबू आई । गंगी से बोला-यह कैसा पानी है ? मारे बास के पिया नहीं जाता । गला सूखा जा रहा है पूरा पढ़ें...

ठाकुर का कुआँ – प्रेमचंद की कहानी