दो सर वाला पक्षी – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक तालाब में भारण्ड नाम का एक विचित्र पक्षी रहता था । इसके मुख दो थे, किन्तु पेट एक ही था । एक दिन समुद्र के किनारे घूमते हुए उसे एक अमृतसमान मधुर फल मिला । पूरा पढ़ें...

दो सर वाला पक्षी – अपरीक्षित कारक की कहानी

राक्षस का भय – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक नगर में भद्रसेन नाम का राजा रहता था। उसकी कन्या रत्‍नवती बहुत रुपवती थी। उसे हर समय यही डर रहता था कि कोई राक्षस उसका अपहरण न करले । पूरा पढ़ें...

राक्षस का भय – अपरीक्षित कारक की  कहानी

दो सिर वाला जुलाहा – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक बार मन्थरक नाम के जुलाहे के सब उपकरण, जो कपड़ा बुनने के काम आते थे, टूट गये । उपकरणों को फिर बनाने के लिये लकड़ी की जरुरत थी । पूरा पढ़ें...

दो सिर वाला जुलाहा – अपरीक्षित कारक की  कहानी

ब्राह्मण का सपना – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक नगर में कोई कंजूस ब्राह्मण रहता था । उसने भिक्षा से प्राप्त सत्तुओं में से थोडे़ से खाकर शेष से एक घड़ा भर लिया था । उस घड़े को उसने रस्सी से बांधकर खूंटी पर लटका दिया पूरा पढ़ें...

ब्राह्मण का सपना – अपरीक्षित कारक की  कहानी

दो मछलियों और एक मेंढक की कथा – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक तालाब में दो मछ़लियाँ रहती थीं । एक थी शतबुद्धि (सौ बुद्धियों वाली), दूसरी थी सहस्त्रबुद्धि (हजार बुद्धियों वाली) । उसी तालाब में एक मेंढक भी रहता था । पूरा पढ़ें...

दो मछलियों और एक मेंढक की कथा – अपरीक्षित कारक की  कहानी

जब शेर जी उठा – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक नगर में चार मित्र रहते थे । उनमें से तीन बड़े वैज्ञानिक थे, किन्तु बुद्धिरहित थे; चौथा वैज्ञानिक नहीं था, किन्तु बुद्धिमान् था । चारों ने सोचा कि विद्या का लाभ तभी हो सकता है पूरा पढ़ें...

जब शेर जी उठा – अपरीक्षित कारक की  कहानी

मस्तक पर चक्र – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक नगर में चार ब्राह्मण पुत्र रहते थे । चारों में गहरी मैत्री थी । चारों ही निर्धन थे । निर्धनता को दूर करने के लिए चारों चिन्तित थे । उन्होंने अनुभव कर लिया था पूरा पढ़ें...

मस्तक पर चक्र – अपरीक्षित कारक की  कहानी

ब्राह्मणी और नेवला की कथा – अपरीक्षित कारक की कहानी

एक बार देवशर्मा नाम के ब्राह्मण के घर जिस दिन पुत्र का जन्म हुआ उसी दिन उसके घर में रहने वाली नकुली ने भी एक नेवले को जन्म दिया । पूरा पढ़ें...

ब्राह्मणी और नेवला की कथा – अपरीक्षित कारक की  कहानी

पाँचवा तंत्र – प्रारंभ की कथा – अपरीक्षित कारक की कहानी

दक्षिण प्रदेश के एक प्रसिद्ध नगर पाटलीपुत्र में मणिभद्र नाम का एक धनिक महाजन रहता था । लोक-सेवा और धर्मकार्यों में रत रहने से उसके धन-संचय में कुछ़ कमी आ गई, समाज में मान घट गया । पूरा पढ़ें...

पाँचवा तंत्र – प्रारंभ की कथा – अपरीक्षित कारक की कहानी

स्त्री-भक्त राजा – लब्ध प्रणाश की कहानी

एक राज्य में अतुलबल पराक्रमी राजा नन्द राज्य करता था । उसकी वीरता चारों दिशाओं में प्रसिद्ध थी । आसपास के सब राजा उसकी वन्दना करते थे । पूरा पढ़ें...

स्त्री-भक्त राजा – लब्ध प्रणाश की कहानी