कॉमनवेल्थ गेम्स 2018: इस क्रिकेटर के भाई ने सोना जीत लिया है
हमारे यहाँ ही नहीं बल्कि बाकी के देशों में भी यही परंपरा है कि लोग अपनी परिवारिक विरासत को ही पहले अपनाते है. कुछ गिने चुने लोग ही होते है जो इस मोह-माया से निकल पाते है. उदाहरण तो बहुत है, मसलन गावस्कर का बेटा क्रिकेटर बनके भी नहीं बन पाया और कुछ अभिनेताओं के अगली पीढ़ी के बारे में बात ना ही करे तो अच्छा होगा. इफ यु नो व्हाट आई मीन. .??
यहाँ बात कर रहे है ब्रेंडन स्टार्क की. ब्रेंडन स्टार्क आस्ट्रेलिया के तूफानी गेंदबाज मिशेल स्टार्क के छोटे भाई है. ब्रेंडन का पूरा परिवार ही क्रिकेट से ताल्लुक रखता है. लेकिन यही साहब वो चन्दन है जो सांप के लिपटन से भी जहरीला नहीं बना. माने की भैया को तो पूरी दुनिया जानती है. भाभी भी अंतराष्ट्रीय क्रिकेट टीम की विकेटकीपर बल्लेबाज है. भैया के ससुर जी भी क्रिकेटर ही रहे है. मतलब अगर रीजनिंग के पेपर में इनके परिवार से कोई प्रश्न आएगा तो उत्तर होगा - ब्रेंडन स्टार्क. एक यही है जो सबसे अलग है.
साल 1993 के 24 नवम्बर को न्यू साउथ वेल्स, आस्ट्रेलिया में जन्में ब्रेंडन हाई जम्पर है, मतलब ऊँची कूद लगाते है ये मैदान पर. होनहार इतने है की मात्र 17 साल के उम्र में सिल्वर जीत लिया था. टुर्नामेन्ट था सिंगापुर का समर यूथ ओलम्पिक और साल था 2010. उसके बाद से लगातार ट्रेनिंग और कड़ी मेहनत जारी है. ब्रेंडन लगातार बड़े-बड़े टुर्नामेन्ट में शिरकत करते रहते है लेकिन कभी बड़ी कामयाबी नहीं मिली. साल 2014 में ग्लास्गो, स्कॉटलैंड में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में वो हालांकि आठवें नंबर तक पहुंच गए थे मगर कामयाबी अभी भी दूर थी. फिर 2016 में हुए रियो ओलम्पिक में इन्होंने 15वें नंबर पर ख़त्म किया था.
लेकिन अभी इनके ही घर में हो रहे कॉमनवेल्थ गेम्स में इन्होने कोई भी गलती नहीं करते हुए 24 साल का यह खिलाड़ी सोना पर अपना कब्जा जमा लिया है. गोल्ड जीतने के बाद ब्रैंडन बेहद खुश नजर आए. ऐसे में अपने घरेलू फैंस के बीच ब्रैंडन ने इतिहास रच दिया. जब उन्होंने गोल्ड जीता तो प्रेस वालों ने उन्हें घेर लिया और सवाल करने लगे। इस दौरान ब्रैंडन ने कहा, “नहीं मैं क्रिकेट को फॉलो नहीं करता. वो मेरे भाई और भाभी का खेल है. मैं जब छोटा था तब ये खेल खेलता था लेकिन अब मैं इसे नहीं खेलता”.
वहीं, मिशेल स्टार्क की बात करें तो वो आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स का हिस्सा थे. लेकिन चोट लगने के कारण वो पूरे टूर्नामेंट से ही बाहर हो गए. केकेआर ने उनको 9.4 करोड़ की भरी-भरकम रकम देकर उनको ख़रीदा था. स्टार्क से कोलकाता की टीम को ढेरों उम्मीदें थीं लेकिन चोटिल होने के कारण वो कोलकाता की टीम को कोई फायदा नहीं पहुंचा सके। फिलहाल उसी के हमवतन मिशेल जॉनसन केकेआर का हिस्सा बने हुए है.
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