तेजस्वी यादव ने ऐसा क्या ट्वीट किया की ट्विटर पर भसड़ मच गयी
तेजस्वी यादव. ये नाम 2015 के बिहार चुनाव के बाद बिहार में एक हाउसहोल्ड नाम बन गया है. बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव और श्रीमती राबड़ी देवी के छोटे पुत्र. बनना क्रिकेटर चाहते थे. बने भी. लेकिन खेल नहीं पाये. एकाध फर्स्ट क्लास मैच खेले, लेकिन हमारे यहाँ फर्स्ट क्लास के खिलाडी को पहचानता ही कौन है. सो हमारे यहाँ तेजस्वी यादव के साथ भी यही हुआ. फिर आईपीएल के दिल्ली डेयरडेविल्स टीम में चुने गए. वहाँ भी बोतल ढ़ोने से आगे नहीं बढ़ पाए.
9 नवम्बर 1989 को जन्में तेजस्वी अपने राजनितिक विरासत के कारण मात्र २६ साल की उम्र में विधायक बन गए. अब क्योंकि राघोपुर के जिस सीट से उनके पापा चुनाव लड़ते थे उससे अब भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण वो चुनाव नहीं लड़े तो बेटा लड़ लिए. और लड़ना क्या, जीत भी गए. फिर जब जुलाई 2017 में जदयू से महागठबंधन टूटने के बाद वो विपक्ष में आए तब से लगातार नितीश कुमार और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बोल और लिख रहे है. ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरफ से हमला जारी है. बिते 10 अप्रैल को जब प्रधानमंत्री मोदी बिहार के चम्पारण जिले में अपनी एक सभा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत बिहार के अंदर शौचालय बनवाने की बात कह रहे थे तब तुरंत ही तेजस्वी ने कुछ ऐसा ट्वीट किया. अब फिर परम्परा के मुताबिक़ लोग उनपर चढ़ गए. कैसे चढ़े, हम बताते है.
पहले ये देखिये तेजस्वी का ट्वीट:
लेकिन समर्थक तो समर्थक होते है. नेताजी ने बोला है तो कुछ गलत थोड़ी बोला होगा. लेकिन फिर दूसरे पार्टी का भी तो समर्थक है. लगे उनको समझाने.
फिर छोटा भीम आए बड़ा वाला ज्ञान लेकर.
इसके बाद एक भाई साहब ने समर्थक के भाषा पर सवाल खड़े कर दिए.
फिर एक विपक्षी पार्टी के समर्थक जोड़दार कैलक्युलेशन लेकर पधारे.
किसी को लालू जी के जेल में होने का बेहद अफ़सोस हो रहा है.
जब इतने से ना हुआ तो खुद स्वामी विवेकानंद जी सदी की सबसे बड़ी भविष्यवाणी लेकर पहुंचे.
लेकिन ये भाई साहब तो तेजस्वी को खींचकर स्कूल तक ले गए.
फिर एक वरिष्ठ नागरिक ने इनको पर्सेंटेज और भाग के सिम्बॉल में अंतर बताया.
फिर आजतक और तेज दोनों साथ मिलकर एक ज्ञान लाए.
और आखिरी में ये मोहतरमा उनके अपने ही भाषा में कुछ दुहाई दे गयी.
बाकि आप खुद से ही ट्विटर पर जाके देख लीजिए. जनता खुद समझदार हो गयी है अब. नोटबंदी और जीएसटी के बाद तो कैलक्युलेशन में पब्लिक और भी माहिर हो गयी है. तो सही - गलत का फैसला हम आपके ऊपर ही छोड़ते हैं.
इसी तरह के बेजोड़ स्टोरी के लिए आप हमारे फेसबुक और ट्विटर को फॉलो कर सकते है.