Author: Barun Kumar
फिल्म रिव्यू: डेडपूल 2
सच्ची-सच्ची बताओ कि आप मार्वल की सुपरहीरो वाली फ़िल्में देखने क्यों जाते हो थियेटर में. क्या आपको कोई मैसेज मिलता है? थियेटर से निकलने के बाद आप समाज सेवा करने के लिए उतावले हो उठते हो? पूरा पढ़ें...
कहानी – दिल की रानी
तैमूर ने कितनी मुहब्बत से हबीब के सफर की तैयारियाँ की। तरह-तरह के आराम और तकल्लुफ की चीजें उसके लिये जमा कीं। उस कोहिस्तान में यह चीजें कहाँ मिलेंगी। वह ऐसा संलग्न था, मानों माता अपनी लड़की को ससुराल भेज रही हो। पूरा पढ़ें...
बच्चन अमिताभ को ये फिल्म समझ ही नहीं आयी
बच्चन साहब शनिवार 12 मई को एक ट्वीट किये. उसमें वो लिखे कि वो अवेंजर्स देखने गए लेकिन उन्हें कुछ समझ नहीं आयी. हालाँकि बच्चन साहब इस बात को बहुत ही चुट्किले अंदाज में लिखे थे. क्योंकि पोस्ट के साथ ढेर सारा स्माइली भी थी. पूरा पढ़ें...
कहानी – माँ
इस भाँति तीन दिन गुजर गये। संध्या हो गयी थी। तीन दिन की जागी आँखें जरा झपक गयी। करुणा ने देखा, एक लम्बा-चौड़ा कमरा है, उसमें मेजें और कुर्सियाँ लगी हुई हैं, बीच में ऊँचे मंच पर कोई आदमी बैठा हुआ है। करुणा ने ध्यान से देखा, प्रकाश था। पूरा पढ़ें...
कहानी – पूस की रात
चिलम पीकर हल्कू फिर लेटा और निश्चय करके लेटा कि चाहे कुछ हो अबकी सो जाऊंगा, पर एक ही क्षण में उसके हृदय में कम्पन होने लगा. कभी इस करवट लेटता, कभी उस करवट, पर जाड़ा किसी पिशाच की भांति उसकी छाती को दबाये हुए था. पूरा पढ़ें...
फिल्म रिव्यू: राज़ी
राज़ी फिल्म एक 20 साल की लड़की की है जो कश्मीर की है. माँ-बाप की एकलौती संतान है और दिल्ली यूनिवर्सिटी में पढ़ती है. बहुत ही सहज, सरल और प्यारी सी बच्ची. पूरा पढ़ें...
क्या बिहार क्रिकेट को फिर से एक धोनी मिलने वाला है. .??
ईशान किशन वर्ल्ड कप के दौरे से वापस आये तो झारखण्ड से रणजी ट्रॉफी खेलने का न्यौता मिला. मौका था, फायदा उठाया जा सकता था. और क्या गजब फायदा उठाया. बल्ला रन नहीं आग उगल रहा था. 6 नवम्बर 2016 को भाई साहब ने दिल्ली के खिलाफ खेलते हुए 273 रन ठोक डाले. लगा मानो आज तबाही ही तबाही ही है. पूरा पढ़ें...
मिलिए सोनम कपूर के शादी में आए मेहमानों से
सोनम कपूर और आनंद आहूजा को शादी की बहुत बहुत शुभकामनाएँ. अनिल कपूर ने भी अपनी बिटिया के हाथ पिले कर ही दिए. आठ मई को मुंबई के बांद्रा में संपन्न शादी समारोह में पूरा बॉलीवुड दिखा. पूरा पढ़ें...
संत कबीर के ये दोहे पढ़ लोगे तो जीवन जीना आ जाएगा
संत कबीर के दोहे हर युग में प्रासंगिक रहे है. कैसे वो जीना सिखाते है यह पढ़ना, देखना और सुनना हमेशा ही आनंददायी होता है. पूरा पढ़ें...
कहानी – ईदगाह
प्रेमचंद के माँ के गुजर जाने के बाद उनकी दादी ने उनका पालन पोषण किया था. इसी रिश्ते को भावनात्मक रूप में पिरोकर प्रेमचंद ने दादी-पोते के रिश्ते पर यह खूबसूरत कहानी को लिखे है. आइए आपको ईदगाह पर ले चलते है. पूरा पढ़ें...