कहानी – अमृत

मेरी उठती जवानी थी जब मेरा दिल दर्द के मजे से परिचित हुआ। कुछ दिनों तक शायरी का अभ्यास करता रहा और धीर-धीरे इस शौक ने तल्लीनता का रुप ले लिया। पूरा पढ़ें...

कहानी – अमृत

कहानी – अपनी करनी

आह, अभागा मैं! मेरे कर्मो के फल ने आज यह दिन दिखाये कि अपमान भी मेरे ऊपर हंसता है। और यह सब मैंने अपने हाथों किया। शैतान के सिर इलजाम क्यों दूं, किस्मत को खरी-खोटी क्यों सुनाऊँ, होनी का क्यों रोऊं? पूरा पढ़ें...

कहानी – अपनी करनी

कहानी – अनाथ लड़की

सेठ पुरुषोत्तमदास पूना की सरस्वती पाठशाला का मुआयना करने के बाद बाहर निकले तो एक लड़की ने दौड़कर उनका दामन पकड़ लिया। सेठ जी रुक गये और मुहब्बत से उसकी तरफ देखकर पूछा—क्या नाम है? पूरा पढ़ें...

कहानी – अनाथ लड़की

कहानी – अंधेर

नागपंचमी आई। साठे के जिन्दादिल नौजवानों ने रंग-बिरंगे जॉँघिये बनवाये। अखाड़े में ढोल की मर्दाना सदायें गूँजने लगीं। आसपास के पहलवान इकट्ठे हुए और अखाड़े पर तम्बोलियों ने अपनी दुकानें सजायीं क्योंकि आज कुश्ती और दोस्ताना मुकाबले का दिन है। पूरा पढ़ें...

कहानी – अंधेर

कहानी – दो बहनें

दोनों बहनें दो साल के बाद एक तीसरे नातेदार के घर मिलीं और खूब रो-धोकर खुश हुईं तो बड़ी बहन रूपकुमारी ने देखा कि छोटी बहन रामदुलारी सिर से पाँव तक गहनों से लदी हुई है, कुछ उसका रंग खुल गया है पूरा पढ़ें...

कहानी – दो बहनें

कहानी – मनुष्य का जीवन आधार क्या है

माधो नामी एक चमार जिसके न घर था, न धरती, अपनी स्त्री और बच्चों सहित एक झोंपड़े में रहकर मेहनत मजदूरी द्वारा पेट पालता था। मजूरी कम थी, अन्न महंगा था। पूरा पढ़ें...

कहानी – मनुष्य का जीवन आधार क्या है

कहानी – प्रेम में परमेश्वर

बुढ़िया टोकरा उठाकर चलने लगी कि उसी बालक ने आकर विनय की कि माई, यह टोकरा तुम्हारे घर तक मैं पहुंचा आता हूं। पूरा पढ़ें...

कहानी – प्रेम में परमेश्वर

कहानी – ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार

एक मास पीछे हम फिर उस रीछ को मारने के लिए गये, मैं फिर भी उसे न मार सका उसे दुगार ने मारा, वह बड़ा भारी रीछ था। उसकी खाल अब तक मेरे कमरे में बिछी हुई है। पूरा पढ़ें...

कहानी – ध्रुवनिवासी रीछ का शिकार

कहानी – दो वृद्ध पुरुष

अजुर्न कुरता छुड़ाकर जाना चाहता था कि भीतर से एक स्त्री बोली—महाशय! भोजन करके रात्रि को यहीं विश्राम कीजिए। पूरा पढ़ें...

कहानी – दो वृद्ध पुरुष

कहानी – क्षमादान

क्षमादान लियो टॉलस्टॉय की सबसे प्रसिद्ध कहानियों में गिनी जाती है. भागीरथ ने देखा और कहा—बलदेवसिंह, अब और क्या चाहते हो? यहां तुम क्यों आये? पूरा पढ़ें...

कहानी – क्षमादान