कहानी – लड़ती भेड़ें और सियार
एक दिन एक सियार किसी गाँव से गुजर रहा था। उसने गाँव के बाजार के पास लोगों की एक भीड़ देखी। कौतूहलवश वह सियार भीड़ के पास यह देखने गया कि क्या हो रहा है। सियार ने वहां देखा कि दो भेड़ें आपस में लड़ाई कर रहे थे। दोनों ही भेड़ें काफी तगड़े थे इसलिए उनमे जबरदस्त लड़ाई हो रही थी। सभी लोग जोर-जोर से चिल्ला रहे थे और तालियां बजा रहे थे। दोनों भेड़ें बुरी तरह से लहूलुहान हो चुके थे और सड़क पर भी खून बह रहा था।
जब सियार ने इतना सारा ताजा खून देखा तो अपने आप को रोक नहीं पाया। वह तो बस उस ताजे खून का स्वाद लेना चाहता था और बकरों पर अपना हाथ साफ़ करना चाहता था। सियार ने आव देखा न ताव और भेड़ें पर टूट पड़ा। लेकिन दोनों भेड़ें बहुत ताकतवर थे। उन्होंने सियार की जमकर धुनाई कर दी जिससे सियार वहीँ पर ढेर हो गया।
इस कहानी से क्या सीखें:
इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलती है कि लालच से प्रेरित होकर कोई भी अनावश्यक कदम नहीं उठाना चाहिए और कोई कदम उठाने से पहले भलीभांति सोच लेना चाहिए।
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