यातायात नियम तोड़ना अब पड़ेगा महंगा, देना होगा भारी जुर्माना

सड़कों पर अब संभलकर गाड़ी चलाएं क्योंकि ट्रैफिक नियमों की अनदेखी करना आपको पहले से कहीं ज्यादा मंहगा पड़ेगा। सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए केंद्रीय कैबिनेट ने मोटर व्हीकल संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इस बदलाव के बाद अब ट्रैफिक नियम ज्यादा सख्त हो जाएंगे। लोकसभा ने 23 जुलाई 2019 को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक-2019 को मंजूरी दे दी। इस विधेयक में सड़क सुरक्षा को लेकर बहुत सख्त नियम लागू किए गए हैं। विधेयक में ड्राइविंग के दौरान छोटी सी गलती पर भी भारी जुर्माना लगेगा।

इस विधेयक के तहत अब बिना लाइसेंस गाड़ी चलाना, किशोर नाबालिगों द्वारा वाहन चलाना, वाहन खतरनाक ढंग से चलाना, शराब पीकर गाड़ी चलाना, गाड़ी निर्धारित सीमा से तेज चलाना और अधिक माल लादकर गाड़ी चलाने जैसे नियमों के उल्लंघन पर कड़ा सजा का प्रावधान किया गया है।

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस विधेयक की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए संसद में कहे कि विधेयक के माध्यम से राज्यों के हक़ में कोई दखल देने का मन नहीं है, इसके प्रावधानों को लागू करना राज्यों के मन पर निर्भर है। केंद्र की पूरी कोशिश राज्यों से सहयोग करने, परिवहन व्यवस्था में बदलाव लाने तथा दुर्घटनाओं को कम करने की है।

मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक के मुख्य बिंदु:

मोटर वाहन संशोधन विधेयक-2019 के अनुसार, तेज़ गति से गाड़ी चलाने पर जुर्माना 500 रुपये से बढ़ाकर 5000 रुपये कर दिया गया है।

• सीट बेल्ट और हेलमेट न पहनने पर जुर्माना 100 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है।

• मोबाइल फ़ोन पर बात करते हुए गाड़ी चलाने पर जुर्माना 1000 रु से बढ़ाकर 5000 रु कर दिया गया है।

• शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना 2000 रुपए से बढ़ाकर 10 हज़ार रुपए कर दिया गया है।

• गाड़ी बिना लाइसेंस के चलाने पर जुर्माना 500 रु से बढ़ाकर 5000 रुपए कर दिया गया है।

• गाड़ी बिना इंश्योरेंस के चलाने पर जुर्माना 1000 रु से बढ़ाकर 2000 रु कर दिया गया है।

विधेयक के तहत सड़क दुर्घटना में यदि किसी की भी मौत होती है तो न्यूनतम मुआवज़ा 25 हज़ार से बढ़ाकर अब दो लाख रुपए होगा।

• सड़क दुर्घटना में किसी को गंभीर रूप से घायल करने पर न्यूनतम मुआवज़ा 12,500 से बढ़कर अब 50,000 होगा।

• यदि नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके माता-पिता और गाड़ी के मालिक को दोषी माना जाएगा। इस विधेयक के तहत गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। यदि नाबालिग ड्राइवर की गाड़ी से किसी की मौत हो जाती है तो उसके माता-पिता को सज़ा होगी

• इस विधेयक के तहत अब ड्राइविंग लाइसेंस बनाने या वाहन का रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए आधार कार्ड ज़रूरी होगा।

सरकार मोटर व्हीकल एक्ट में इन बदलावों को काफी कारगर मान रही है लेकिन बड़ा सवाल ये भी है कि क्या सिर्फ जुर्माना बढ़ा देने से सड़क दुर्घटनाएं कम हो जाएंगी। जानकारों को लगता है कि नए नियमों को लागू करना ज्यादा अहम होगा। नए मोटर वेहिकल कानून में ट्रांसपोर्ट ऑफिस पर निर्भरता भी कम की गई है। ड्राईविंग लाईसेंस बनाने की प्रक्रिया अब पूरी तरह से ऑनलाईन होगी। साथ ही गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन अब डीलर खुद कर पाएंगे। कमर्शियल ड्राइविंग लाईसेंस अब 3 साल की बजाय 5 साल तक वैध रहेगा। इसके अलावा दुर्घटना होने पर इंश्योरेस क्लेम करने की प्रक्रिया भी आसान की गई है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रत्येक दिन औसतन 400 लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है। हादसों में 50 प्रतिशत मरने वालों की उम्र 14 से 35 साल के बीच होती है। बहुत से लोगों की मौत सड़क हादसे में तेज़ रफ़्तार की वजह से होते हैं।

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