फिल्म रिव्यू: बागी 2
एक चीज होती है – ट्रेंड। सोशल साईट के आने के बाद इस चीज को पंख लग गए है। बॉलीवुड में भी एक चीज है जो दशकों से ट्रेंड में है। क्या किंग – क्या भाई सब इस ट्रेंड में शामिल है। और यह ट्रेंड है साउथ की फिल्मों से “इंस्पायर” होना। तो पेशे ख़िदमत है एक और साउथ रीमेक। जिसे आप बागी 2 के नाम से देखने वाले है। ??
कहानी पर आते है:
आर्मी जवान रणवीर प्रताप सिंह उर्फ रॉनी अपने 4 साल पुरानी गर्लफ्रेंड का मैसेज पाकर कश्मीर से गोआ आता है। उसकी मदद करने। उससे पहले वो कश्मीर में आतंकियों को पेल रहा होता है। हाल ही में जो कश्मीर में एक पुलिस अधिकारी गोगोई ने जब एक लड़के को जीप से बांधकर पत्थरबाजों से मुकाबला किया था, उस दृश्य को भी जगह मिला है। इस ह्यूमन शील्ड को ह्यूमन राइट्स वालों ने खूब विरोध किया था। लेकिन यहाँ फिल्म में दिखाने का संदेश यही है की आर्मी वाले भी इंसान होते है, और उन्हें भी अपनी जान की पड़ी है। देशभक्ति का भरपूर डोज है।
हाँ तो गोआ आकर भाई साहब को पता चलता है की उसकी गर्लफ्रेंड नेहा (दिशा पटानी) की एक बेटी है जो किडनैप हो गयी है। स्थिति ऐसी बन गयी है की कोई उसकी मदद नहीं कर रहा है। फिर रॉनी उसकी मदद करता है। जैसा की फिल्मों में होता है। फिर उसमें DIG बने मनोज बाजपाई है और काफी मज़ेदार ACP के किरदार में रणदीप हुड्डा। ना तो ये कहानी क्राईम है और ना ही थ्रिलर। बस एक जर्नी है जिसे पूरा किया जा रहा है। किडनैपर तक पहुंचने का रॉनी का जो सफ़र है, वह काफी मज़ेदार है। बीच में कुछ ट्विस्ट एंड टर्नस भी है, जो फिल्म को ज़िंदा रखती है।
DIG तो मस्त है लेकिन ऐसा ACP कहीं देखा है क्या..!!
अभिनय:
टाईगर श्रॉफ कहीं बाहर की फिल्में या यूँ कहें की किसी दूसरी जॉनर की फिल्में नहीं कर रहे है तो उन्हें टाईपकास्ट कहने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। फिजिक मस्त है और अभिनय पहले जैसा ही। किरदार में पूरी तरह से फिट तो नहीं है लेकिन कोशिश उनकी पूरी रही है। दिशा पटानी के लिए ज्यादा कुछ था नहीं तो उनकी अपीयरेंस अच्छी लगती है।
मनोज बाजपेई और रणदीप हुड्डा के अभिनय पर संदेह नहीं करते। दोनों पहली बार स्क्रीन शेयर किये है। कमाल लगे है। ACP सरदार LSD बने रणदीप का हर डायलॉग सुनने का मन करता है। मगर मेरे भाई, थोड़ा महफ़िल तो दीपक डोबरियाल (तनु वेड्स मनू वाले पप्पी जी) भी लूटते है। जो उस्मान को प्ले कर रहे है। प्रतीक बब्बर का लूक अमेजिंग है और उसके हिसाब से ऐक्टिंग भी परफेक्ट। शिफूजी भी एक छोटे से किरदार में है। एक भी स्टारकास्ट नया नहीं है। सब किरदार में फिट है।
पप्पी जी याद आया. .??
गीत-संगीत:
माधुरी दीक्षित के सुनहरे कैरियर की सबसे चमकीली डांस नंबर 1.2..3…. को रीमिक्स किया गया है। जैकलीन खूबसूरत लगी है डांस में और मूव्स भी अच्छे है। तो ये आपके प्लेलिस्ट में तो ज़रूर होगी। “लो अब सफ़र….” पूरी फिल्म में बजती है और अच्छी लगती है। सभी गीतों के बोल अच्छे है, लेकिन निर्देशक उसको फिल्म में फिट नहीं कर पाये है।
निर्देशन-मेकिंग:
स्क्रिप्ट पर ज्यादा मेहनत करने की ज़रूरत नही पड़ी होगी, क्योंकि वो तो बना – बनाया मिला था। जो काफी बेहतरीन है। फिर भी मनोज बाजपेयी के किरदार को कुछ और गहराई दी जा सकती थी। रही बात निर्देशन की तो निर्देशक इंडस्ट्री का जाना – पहचाना नाम है। जो पहले हवा – हवाई पर दिवंगत श्रीदेवी को और ताल में ऐश्वर्या राय को नचा चुके है। मतलब ये की वो अब नृत्य निर्देशक से फिल्म निर्देशक बन गए है। नाम है अहमद खान। इंडस्ट्री का अनुभव काम आया और ऐसा कभी नहीं लगा की निर्देशक के तौर पर यह उनकी पहली फिल्म है। बहुत ही उम्दा काम।
फिल्म की मेकिंग भी वर्ल्ड क्लास है। कई मौकों पर टाइगर ज़िंदा है की याद आ जाती है।
हवालात में जब टाईगर श्रॉफ को टॉर्चर किया जाता है तब उसको न्यूड पोरट्रे किया गया है। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की उस दृश्य में टाईगर वाकई न्यूड ही थे।
कुल मिला कर देखा जाए तो एक बढ़िया मनोरंजक फिल्म है। ऐसी फिल्में अगर मिस भी हो जाए तो कुछ खास फर्क नहीं पड़ता। लेकिन अगर आपका वीकेंड अनप्लान्ड है तो बागी 2 एक बेहतर ऑप्शन हो सकता है।
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